ऑस्ट्रेलिया के एक पूर्व विदेशमंत्री ने हामिद करजई को अफगानिस्तान के सबसे कमजोर और गुमराह करने वाला राष्ट्रपति करार दिया है।
सबसे लंबे समय तक विदेशमंत्री रहे एलेक्जेंडर डॉनर ने कहा कि पश्चिमी ताकतें करजई के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहीं, लेकिन उन्होंने उन्हें निराश किया।
डॉनर के विदेशमंत्री रहने के दौरान ही ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान में अपने सैनिक भेजने का फैसला किया था। वे 1996 से 2007 तक ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री रहे।
उन्होंने द ऑस्ट्रेलियन अखबार से कहा कि मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि राष्ट्रपति करजई ने निराश किया है। उन्होंने कहा कि जैसा कि स्थिति बताती है, वह कमजोर नेता हैं और वह अलग किस्म के नेता हैं।
उन्होंने पर्याप्त लोगों और कबाइलियों को शासन में शामिल नहीं किया, जबकि कबाइली समाज में ऐसा करना जरूरी है। डॉनर ने कहा कि ईमानदारी से मैं कहता हूं कि मुझे नहीं लगता कि उन्होंने स्थिति में सुधार में कोई मदद की।
यह कटु आलोचना ऐसे समय में हुई है, जब महज एक दिन पहले ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की कि वह निर्धारित समय सीमा से एक साल पहले ही यानी 2013 में अफगानिस्तान से अपने ज्यादातर सैनिक वापस बुला लेगा। (भाषा)