पेरिस। लाइलाज एवं जानलेवा बीमारी एड्स का उपचार खोज रहे अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है कि लंदन में एक व्यक्ति के स्टेम सेल प्रतिरोपण के बाद एचआईवी संक्रमण से मुक्त होने का मामला सामने आया है। स्टेम सेल प्रतिरोपण के बाद एड्स विषाणु से मुक्त होने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले बर्लिन में भी एक मरीज इस विषाणु से छुटकारा पा चुका है।
पत्रिका ‘नेचर’ के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के इससे छुटकारा पाने का पहला पुष्ट मामला 10 साल पहले सामने आया था। इसके बाद अब लंदन में यह मामला सामने आया है, जिसमें प्रतिरोपण के करीब 19 महीनों बाद भी व्यक्ति में विषाणु का कोई संकेत नहीं मिला।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रवींद्र गुप्ता और उनकी टीम ने इस बात पर जोर दिया कि अस्थि मज्जा प्रतिरोपण एक खतरनाक एवं कष्टदायक प्रक्रिया है। यह एचआईवी उपचार का व्यावहारिक विकल्प नहीं है, लेकिन स्टेम सेल प्रतिरोपण से एड्स विषाणु से छुटकारा मिलने का दूसरा मामला सामने आने के बाद वैज्ञानिकों को इसका उपचार खोजने में काफी मदद मिल सकती है।
पीटर डोहर्ती इंस्टीट्यूट फॉर इन्फेक्शन एंड इम्युनिटी के निदेशक शैरोन आर लेविन ने कहा, दूसरा मामला इस विचार को मजबूत करता है कि उपचार संभव है। उपचार के तौर पर अस्थि मज्जा प्रतिरोपण व्यावहारिक नहीं है, लेकिन इससे उपचार की अन्य पद्धति खोजने में मदद मिल सकती है। एचआईवी हर साल करीब 10 लाख लोगों की जान लेता है।