पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के साथ बुधवार को यहां मुलाकात के बाद टिलरसन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका मानना है पाकिस्तान, अमेरिका का एक विश्वसनीय साझेदार है। उन्होंने कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों का क्षेत्र में अभूतपूर्व महत्व रहा है।
टिलरसन ने कहा कि यह महज अफगानिस्तान के बारे में नहीं है। यह पाकिस्तान के महत्व और साथ ही साथ पाकिस्तान की दीर्घकालिक स्थायित्व के बारे में भी है। पाकिस्तान की आशंकाओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को पड़ोसी अफगानिस्तान के दृष्टिकोण से देखता रहा और ऐसा करते हुए पाकिस्तान के हितों की अनदेखी होती गई।
उन्होंने कहा कि इसलिए हमें लगता है कि यह हमारे लिए अपने रिश्तों को मजबूत बनाने का एक अवसर है। हम विदेश विभाग से लेकर रक्षा विभाग तक, अपने खुफिया विभागों साथ ही साथ आर्थिक, वाणिज्यिक अवसरों सहित सभी स्तरों पर कड़ी मशक्कत करेंगे।
उन्होंने ये टिप्पणियां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गत 21 अगस्त को दक्षिण एशिया के लिए अपनी नई रणनीति घोषित किए जाने के बाद से अमेरिकी और पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक और निजी स्तर पर प्रकट की जा रही चिंताओं के संदर्भ में की। मीडिया ने सूत्रों के हवाले से संकेत दिया था कि अमेरिकी-पाकिस्तानी संबंध टूटने के कगार पर हैं।
टिलरसन ने दोनों देशों के लिए परस्पर लाभकारी संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए हालांकि सभी स्तरों पर पाकिस्तान को साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया के लिए नई अमेरिकी रणनीति का दृष्टिकोण वास्तव में क्षेत्रीय है और क्षेत्र के दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए पाकिस्तान महत्वपूर्ण है। (वार्ता)