पेशावर उच्च न्यायालय ने कहा कि उसने वकील नाजिश मुजफ्फर और सारा अली की याचिका पर कार्रवाई की है। उन्होंने अपनी याचिका में गुजारिश की थी कि वीडियो साझा करने वाले ऐप को तब तक ब्लॉक रखा जाए जबतक वह पिछले साल पाकिस्तानी मीडिया निमायक द्वारा दिए गए निर्देशों और दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता। (भाषा)