बाइडन ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसा युद्ध लड़ने की कोई वजह नहीं है जो अमेरिकी लोगों के अहम राष्ट्रीय हितों में न हो। उन्होंने कहा कि मैं आपको वचन देता हूं कि पूरे दिल से मैं यह मानता हूं कि यह अमेरिका के लिए सही, विवेकपूर्ण और सबसे अच्छा फैसला है।
उन्होंने कहा कि हम एक राष्ट्र के तौर पर युद्ध में बहुत लंबे वक्त तक रहे। अगर आप आज 20 वर्ष के हैं तो आप कभी नहीं जानते कि अमेरिका एक शांति प्रिय देश है। इसलिए जब मैंने सुना कि हमें अफगानिस्तान में अपने कर्मियों को जोखिम में डालते हुए अपने कमतर प्रयासों को जारी रखना चाहिए, तो मुझे नहीं लगता कि ज्यादातर लोग यह समझेंगे कि हमने इस देश के वर्दी पहनने वाले एक प्रतिशत लोगों से कितना कुछ मांगा जो हमारे देश की रक्षा करते हुए अपनी जान की बाजी लगाने के लिए तैयार हैं।
अफगानिस्तान से पूरी तरह निकलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भले ही कहा हो कि अफगानिस्तान में उनका मिशन सफल रहा, मगर देश को संबोधित करते वक्त उनकी बातों से ऐसा भी लगा जैसे अमेरिका को पछतावा भी है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने 9/11 हमले के बाद करीब 7 अक्टूबर, 2001 से अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अपना अभियान शुरू कर दिया था। जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया उस वक्त वहां पर तालिबान का ही शासन था।