अध्ययन के अनुसार, मंगल पर रेत के टीलों में बदलने के लिए भी यही प्रक्रिया जिम्मेदार है। ब्रिटेन में ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन की लॉरेन मैक इओन ने कहा, हम सभी ने मंगल पर पानी के प्रमाण के बारे में रोचक खबरों को सुना है।
उन्होंने कहा, हालांकि मंगल पर मौजूदा जलवायु प्राय: उसकी तरल अवस्था में पानी से मेल नहीं खाती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अन्य वाष्पशील पदार्थों की भूमिका को भी समझें, जिससे आज मंगल में परिवर्तन करने की संभावना है।
उन्होंने कहा, मंगल ग्रह पर वातावरण 95 प्रतिशत से अधिक सीओ2 से बना होता है, फिर भी हम इस बारे में अब तक कम जानते हैं कि इस ग्रह की सतह किस प्रकार की है। (भाषा)