इंडियन एक्सप्रेस ने ब्लूमबर्ग के हवाले से इस मामले पर एक शोधपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि करीब आधी सदी से भी पहले स्पुतनिक और अपोलो के युग की तरह एक बार फिर दुनिया के बड़े नेता फिर अंतरिक्ष में प्रभुत्व हासिल करने के लिए दौड़ लगाना शुरू कर चुके हैं। हालांकि काफी पहले अमेरिका और सोवियत संघ ने इस पर संयुक्त राष्ट्र में नियमों का एक सेट तैयार किया है लेकिन महाशक्तियों की अगली पीढ़ी अब शायद इससे आगे निकल चुकी हैं।
अंतरिक्ष शोध पर अमेरिका और चीन के बीच होड़ शुरू हो चुकी है और यह चीन के तेजी से उभार के बाद हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एलन मस्क और जेफ बेजोस जैसे अरबपति डिजिटल और वाणिज्यिक अवसरों का पता लगाने के लिए अधिक से अधिक उपग्रह लॉन्च कर रहे हैं। लेकिन जब अमेरिका और चीन की बात आती है तो दांव और भी अधिक हो जाते हैं। यह वैचारिक विभाजन चंद्रमा और अन्य जगहों पर संभावित रूप से सैकड़ों अरबों डॉलर के संसाधनों को निकालने तक पहुंच जाता है।