हांगकांग मामले में दखल देने पर चीन ने ब्रिटेन को दी गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी
मंगलवार, 21 जुलाई 2020 (22:11 IST)
लंदन। चीन ने हांगकांग मामले में दखल जारी रखने पर ब्रिटेन को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। चीन इसे अपना आंतरिक मामला बताता रहा है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक रॉब ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमंस में कहा था कि चीन द्वारा हांगकांग के लिए नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाए जाने के बाद हांगकांग को लेकर उसकी चीन के साथ हुई संधि पर कई महत्वपूर्ण मान्यताएं बदल गई हैं। लिहाजा, वह संधि अनिश्चितकाल के लिये निलंबित की जाती है। रॉब ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि इसे ब्रिटेन और पूरी दुनिया देख रही है।
इसके तुरंत बाद लंदन स्थित चीन दूतावास और ब्रिटेन में चीन के राजदूत लियु शियाओमिंग ने ब्रिटेन के इस कदम पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे चीन की संप्रभुता का अपमान और उसके आंतरिक मामलों में खुलेआम हस्तेक्षप करार दिया।
लियु शियाओमिंग ने ट्वीट किया कि ब्रिटेन ने खुलेआम चीन के आतंरिक मामलों में दखल दिया है। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बनाए रखने के बुनियादी नियमों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि चीन ने कभी भी ब्रिटेन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया। ब्रिटेन को भी ऐसा ही करना चाहिए। वरना, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अमेरिका ने की ब्रिटेन से बात : पश्चिमी देशों और चीन में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवार को लंदन में अमेरिका के करीबी सहयोगी ब्रिटेन के साथ बातचीत की।
पोम्पियो और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच बैठक में हांगकांग और मानवाधिकार के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी।
ब्रिटेन द्वारा हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि खत्म करने और उसे हथियारों की बिक्री बंद करने के कुछ घंटे बाद दोनों के बीच मुलाकात हुई। चीन द्वारा हांगकांग में कड़े नये राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के बाद ब्रिटेन ने ये कदम उठाए हैं।
ब्रिटेन में चीन के राजदूत लिऊ शियाओमिंग ने ट्विटर पर चेतावनी दी कि ब्रिटेन को ‘द्विपक्षीय संबंध खराब करने के परिणाम भुगतने चाहिए।’ उन्होंने नए कदम को ब्रिटेन द्वारा चीन के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी करार दिया।
पोम्पियो ने लंदन में वार्ता को ‘सकारात्मक’ और ‘स्पष्ट’ बताया और कहा कि इसमें ‘5जी दूरसंचार से लेकर ब्रिटेन-अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते’ का मुद्दा शामिल था। (भाषा)