ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ फलदायी बातचीत हुई। पाकिस्तान और भारत की बात की जाए, तो हमने कश्मीर पर चर्चा की। मैंने प्रस्ताव रखा कि मैं मध्यस्थता समेत हर वह मदद करने के लिए तैयार हूं, जो मैं कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि वह हर संभव कोशिश करेंगे क्योंकि उनके बीच गंभीर तनाव है और उम्मीद है कि स्थिति बेहतर होगी।
ट्रंप ने कहा कि दो भद्र पुरुष जो इन दो देशों का नेतृत्व कर रहे हैं, वे मेरे मित्र हैं। मैंने कहा कि वे इसका समाधान निकालें। वे परमाणु सशस्त्र देश हैं, उन्हें समाधान निकालना ही होगा।
उल्लेखनीय है कि भारत का स्पष्ट रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है। ट्रंप की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री पहले ही यह बता चुके हैं। विदेश सचिव ने भी यही बात की।