वैज्ञानिकों ने ऐतिहासिक आंकड़ों का उपयोग करते हुए 5,327 ग्लेशियरों और बर्फ शिखरों की मैपिंग की, जो 1900 में लिटिल आइस एज के अंत में मौजूद थे। इस युग में औसत वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई थी।
अध्ययन में पाया गया कि पिछली शताब्दी में ग्रीनलैंड के ग्लेशियरों की कम से कम 587 घन किलोमीटर बर्फ पिघल गई, जिसके कारण समुद्र के जलस्तर में 1.38 मिलीमीटर की वृद्धि हुई। ऐसा अनुमान है कि जिस गति पर 2000 से 2019 के बीच पानी पिघला, वह 1900 से लेकर अब तक के दीर्घकालिक औसत से तीन गुना अधिक है।