ब्रिटेन मौसम विभाग के दीर्घकालिक अनुमान के प्रमुख एडम स्केफ ने बताया कि 2015 पहला साल था जब वैश्विक सालाना औसत तापमान औद्योगिकीकरण से पूर्व के तापमान स्तर से 1 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया था और बाद के तीनों साल में तापमान इसी स्तर के करीब रहा। स्केफ ने बताया कि वैश्विक औसत तापमान के अब से लेकर 2023 के बीच बढ़े हुए रहने का अनुमान है, जो संभवत: 2014 से इस दशक को 150 सालों के रिकॉर्ड में सबसे गर्म दशक बना सकता है।
पिछले साल को विश्वभर में चौथे सबसे गर्म साल के तौर पर दर्ज किया गया था। उससे पहले 2015, 2016 और 2017, 169 सालों के रिकॉर्ड में 3 सबसे गर्म वर्ष रहे। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सतह के तापमान तक सीमित नहीं हैं। जलवायु तंत्र का गर्म होना जलवायु के कई सूचकों में नजर आता है, जो जमीन, वातावरण, महासागर या बर्फ की परतों में हो रहे वैश्विक बदलावों की तस्वीर पेश करते हैं।