वॉशिंगटन। पाकिस्तान की दशकों पुरानी कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए देश के एक पूर्व शीर्ष दूत ने कहा है कि इस मसले को सुलझाने से भी आतंकवाद, सांप्रदायिक संघर्ष की चुनौती समाप्त नहीं होगी या तालिबान अफगानिस्तान में 'पुरानी इस्लामी व्यवस्था' स्थापित करने के अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ेगा।
अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर की समस्या सुलझ जाने पर भी सांप्रदायिक आतंकवाद कैसे समाप्त होगा, क्योंकि सांप्रदायिक आतंकवाद का मतलब उन लोगों की हत्या करना है, जो आपके धार्मिक संप्रदाय के नहीं हैं। कश्मीर की समस्या का समाधान करने से तालिबान नहीं रुकेगा जिसका लक्ष्य अफगानिस्तान में पुरानी इस्लामी व्यवस्था को पैदा करना है।
उन्होंने कहा कि इसलिए कभी-कभी पाकिस्तान की ओर से इसे एक अति राष्ट्रवादी दलील बना दिया जाना और कभी-कभी बहुत ही आसानी से यह कह देना कि अमेरिका में पाकिस्तान के रुख को लेकर हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष सही मायने में अपने रुख के बारे में सोचें।