लाहौर, पाकिस्तान में महंगाई से हाहाकार है, ऐसे में प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने राजनीतिक पैंतरेबाजी शुरू कर दिए हैं। उनके विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए रविवार को इमरान ने कहा कि वह आलू और टमाटर की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राजनीति में नहीं आए।
इमरान ने कहा कि वह देश के युवाओं की खातिर राजनीति में आये, क्योंकि ऐसा कर (राजनीति मेंआकर) उन्हें कोई निजी फायदा नहीं हुआ है, क्योंकि उनके पास पहले से ही जीवन में वह सब कुछ है जिसका एक व्यक्ति सपना देखता है। मैं आलू और टमाटर के दाम जानने राजनीति में नहीं आया। मैं देश के युवाओं की खातिर राजनीति में आया हूं।
पाकिस्तान की सामान्य महंगाई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में मापी जाती है और यह 24 महीने के सर्वोच्च स्तर 13 प्रतिशत पर है और लगभग सभी वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं। डॉन अखबार के अनुसार जनवरी, 2020 के बाद यह सर्वोच्च सीपीआई मुद्रास्फीति है, जब यह 14.6 फीसदी थी।