आइसलैंड में हिंदू मंदिर की मांग

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015 (14:12 IST)
नेवादा, अमेरिका। अमेरिका के प्रसिद्ध हिंदू राजनीतिज्ञ राजन जेद ने यहां जारी अपने एक बयान में कहा है कि आइसलैंड में हिंदुओं की काफी संख्या को देखते हुए आइसलैंड सरकार को अपने हिंदू नागरिकों के धार्मिक रीति रिवाजों, साधना, त्यौहारों और आध्यात्मिक जरूरतों की पूर्ति के लिए एक हिंदू मंदिर का निर्माण कराना चाहिए।  
 
यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ हिंदुइज्म के अध्यक्ष, जेद ने कहा कि यह आइसलैंड और यूरोप में सकारात्मक दिशा में एक कदम होगा। इससे उन्हें घार्मिक स्वतंत्रता और समाज में शामिल होने का अहसास होगा। 
 
उन्होंने इस बात पर गौर किया कि चूंकि सरकार कथित तौर पर आइसलैंड के धार्मिक संगठनों को वित्तपोषित करती है, इसलिए उसे दुनिया के तीसरे सबसे पुराने, बड़े धर्म की मदद करने के लिए एक मंदिर को बनवाने के बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के हिंदू भी चर्च टैक्स चुकाते हैं।
 
राजन जेद ने रीकजैविक सिटी काउंसिल से कहा है कि उसने हाल ही में एक धार्मिक गुट को कथित तौर पर जमीन दी है, इसलिए उसे आइसलैंड के हिंदुओं को भी मंदिर के लिए जमीन देना चाहिए। 
 
उन्होंने देश के राष्ट्रपति ऑल्‍फर रैग्नर ग्रिमसन और प्रधानमंत्री सिंगमंडर डैवियो गनलैंगुसान के आग्रह किया कि वे देश में विभिन्न धर्मों की सामुदायिक सभाएं बुलाएं और संसद (ऑलथिंगी) का सत्र आहूत करने के लिए रीकजैविक गिरजाघर में केवल लुथेरान मास (सामू‍हिक प्रार्थना) सभा को ही नहीं आयोजित नहीं किया जाना चाहिए। 
 
जेद का कहना है कि आइसलैंड में विविध धर्मों वाला देश बन रहा है। उनका कहना है कि आइसलैंड की संसद को विविध धर्मों वाला होना चाहिए और संसद को समूचे आइललैंड का प्रतिनिधित्व करना चाहिए, केवल एक भाग का ही नहीं। 
 
उनका कहना है कि इस परम्परा ध्यान दिया जाए और इसे अधिक समावेशी बनाया जाना चाहिए क्योंकि यह सभी धर्मों की समानता के सिद्धांत को तोड़ता है। विदित हो कि 1845 से ही आइसलैंड की संसद का नया सत्र रीकजैविक गिरजाघर में आइसलैंडिक में एक चर्च सेवा (प्रार्थना) के साथ शुरू होता है।  

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