भारत के साथ सहयोग की अपार संभावनाएं : चीन

बुधवार, 30 अगस्त 2017 (15:24 IST)
बीजिंग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा से एक सप्ताह पहले चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने बुधवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। 
 
वांग ने कहा कि 2 ताकतवर पड़ोसियों के बीच मतभेद होना सामान्य है लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि भारत और चीन ने अपनी समस्याओं को उचित स्थान पर रखा और उसे आपसी सम्मान एवं दोनों देशों के नेताओं की सहमति के आधार पर सही तरीके से निपटाया। भारत और चीन के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं लेकिन इस संबंध में कोई ब्योरा नहीं दिया।
 
गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम में ढाई महीने से जारी गतिरोध गत सोमवार को समाप्त हो गया और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी आगामी रविवार को शियामेन में शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए यहां आ रहे हैं। 
 
जून में भूटान एवं चीन के बीच विवादित डोकलाम क्षेत्र में चीन द्वारा एकतरफा ढंग से सड़क निर्माण के प्रयास का भूटानी सेना ने विरोध जताया था और चीनी सेना के नहीं मानने पर भूटानी सेना के संकेत के बाद भारतीय सेना ने 16 जून को आगे बढ़कर चीनी सेना को रोका था। 
 
करीब ढाई माह में दोनों देशों की सेनाओं के आमने-सामने आ खड़े होने से विश्व की 2 उभरती आर्थिक महाशक्तियों के बीच गहरा तनाव उत्पन्न हो गया था।

डोकलाम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच 16 जून से तब से गतिरोध चला आ रहा था, जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया था। चीन और भूटान के बीच डोकलाम एक विवादित क्षेत्र है। भारतीय सेना ने सड़क निर्माण का काम रुकवा दिया था, क्योंकि इससे चीन को भूटान-चीन-भारत त्रि-संगम (ट्राई जंक्शन) क्षेत्र में भारत के खिलाफ बड़ा सैन्य लाभ मिल जाता।
 
वांग ने शियामेन शहर में अगले सप्ताह होने जा रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बारे में यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। दोनों देशों के बीच मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत और चीन दो बड़े देश हैं। यह स्वाभाविक है कि हमारे बीच कुछ समस्याएं हैं। 
 
उन्होंने कहा कि जो उचित है, वह यह कि हम इन मतभेदों को उचित स्थान पर रखते हैं और पारस्परिक सम्मान के तहत तथा हमारे नेताओं की सहमति के बाद हमें इन्हें उचित तरीके से देखने तथा प्रबंधित करने की आवश्यकता है। 
 
वांग ने कहा कि साथ ही विभिन्न तंत्रों के जरिए हमारी बातचीत से हमें दीर्घकालिक समाधान के लिए काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस सवाल का भी सीधा उत्तर नहीं दिया कि क्या मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात होगी? वांग ने कहा कि शामिल होने वाले नेताओं के बीच बैठकें और मुलाकात होंगी, जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। भारत ने मंगलवार को घोषणा की थी कि मोदी शियामेन शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
 
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स बैठक से इतर शी कुछ नेताओं से उनके आग्रह पर मुलाकात भी करेंगे। प्रबंध हो जाने पर हम आपको अवगत कराएंगे। पहली चीज यह है कि नेता मिलने की इच्छा रखते हैं या नहीं? यदि बैठक में शामिल हो रहे नेताओं की इच्छा होती है और हमारा निर्धारित कार्यक्रम इसकी इजाजत देता है तो मेजबान के रूप में चीनी पक्ष इसे संभव बनाने की कोशिश करेगा। 
 
ब्रिक्स के महत्वपूर्ण देशों भारत और चीन के बीच मतभेद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि चीनी और भारतीय लोगों के हित में तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय और पड़ोसी देशों की आकांक्षा को पूरा करने के लिए कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्षों के प्रयासों से हम चीन-भारत संबंधों के लिए वृद्धि की स्वस्थ एवं मजबूत गति को बरकरार रखेंगे। वांग ने कहा कि चीन और भारत के बीच वृहत्तर सहयोग के लिए व्यापक संभावना और जगह है तथा इस तरह का सहयोग दोनों देशों के हितों को पूरा करता है।
 
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि एशिया के कायाकल्प तथा हमारे क्षेत्र के विकास और वृहतर विकास में अपने हिस्से का योगदान देने के लिए चीन और भारत हाथ मिलाएंगे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 3 से 5 सितंबर तक चीन के शियामेन में आयोजित होगा।  (वार्ता)

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