आर्यन का कहना है, मुझे संख्याओं से बहुत प्रेम है। मेरी कोई अकेली प्रिय संख्या नहीं है। मैं संख्याओं के साथ खेलने का प्रेमी हूं। उसने 6 वर्ष की आयु से ही संख्याओं के साथ खेलना शुरू कर दिया था और इसकी बाक़ायदा ट्रेनिंग भी पाने लगा था। उसके प्रशिक्षक ने बताया कि वह संख्याओं के पीछे पागल है।
इस बार की नौवीं प्रतियोगिता को वास्तव में अगस्त 2020 में ही होना था, पर कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण उसे टालना पड़ा। यह विश्व प्रतियोगिता 2004 से आयोजित हो रही है। काफी बड़ी आयु के लोग भी इसमें भाग लेते हैं। उदाहरण के लिए इस बार जर्मनी की एल्के कूगे 56 वर्ष की थीं।
15 से 17 जुलाई तक चली इस नौवीं प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को भी, नियमानुसार अंक गणित के 5 अलग-अलग वर्गों में अपनी योग्यता का परिचय देना पड़ा। उदाहरण के लिए, प्रतियोगियों को 10 अंकों वाली 10 संख्याओं को मन ही मन जोड़ना था, 8 अंकों वाली दो संख्याओं का गुणनफल बताना था और 6 अंकों वाली एक संख्या का मूलांक निकालना था।
इस विश्व प्रतियोगिता के प्रणेता राल्फ़ लाउए स्वयं एक गणितज्ञ हैं। उनका कहना है कि समय के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लेने वालों की संख्या और उनकी दिमागी गणना का स्तर बढ़ता ही गया है। इस बार जर्मनी, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, बुल्गारिया, क्यूबा, ऑस्ट्रिया, अमेरिका, स्पेन, फ्रांस, भारत, अल्जीरिया, नेपाल, लेबनान, इटली, पाकिस्तान, किर्गिस्तान, जापान और कोलंबिया की प्रतिभाओं ने हिस्सा लिया।