11 साल का आर्यन शुक्ला बना 'दिमागी गणना' का विश्व विजेता

राम यादव

सोमवार, 18 जुलाई 2022 (19:54 IST)
जर्मनी के पाडरबॉर्न शहर में हुई मानसिक अंक गणित की विश्व चैंपियनशिप इस बार भारत के आर्यन शुक्ला ने जीती है। आर्यन शुक्ला की आयु केवल 11 वर्ष है। यह चैंपियनशिप जीतने वाला वह अब तक का सबसे युवा प्रतियोगी है।

आर्यन का कहना है, मुझे संख्याओं से बहुत प्रेम है। मेरी कोई अकेली प्रिय संख्या नहीं है। मैं संख्याओं के साथ खेलने का प्रेमी हूं। उसने 6 वर्ष की आयु से ही संख्याओं के साथ खेलना शुरू कर दिया था और इसकी बाक़ायदा ट्रेनिंग भी पाने लगा था। उसके प्रशिक्षक ने बताया कि वह संख्याओं के पीछे पागल है।

पाडरबॉर्न में स्थित हाइन्स निक्सडोर्फ़ म्युज़ियम की ओर से बताया गया कि रविवार 17 जुलाई को समाप्त हुई इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 18 देशों के 34 प्रतियोगियों ने भाग लिया। दूसरा स्थान जापान के ओनो तेत्सुया और तीसरा लेबनान के मोहम्मद अल मीर को मिला।

हाइन्स निक्सडोर्फ़ जर्मनी में कंप्यूटर बनाने वाले प्रथम उद्योगपति थे। उनकी स्मृति में बना यह संग्रहालय कंप्यूटर के इतिहास को प्रदर्शित करने वाला संसार का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। मन ही मन हिसाब लगाने की विश्व प्रतियोगिता हर वर्ष जर्मनी के ही किसी शहर में यह संग्रहालय ही आयोजित करता है।

इस बार की नौवीं प्रतियोगिता को वास्तव में अगस्त 2020 में ही होना था, पर कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण उसे टालना पड़ा। यह विश्व प्रतियोगिता 2004 से आयोजित हो रही है। काफी बड़ी आयु के लोग भी इसमें भाग लेते हैं। उदाहरण के लिए इस बार जर्मनी की एल्के कूगे 56 वर्ष की थीं।

15 से 17 जुलाई तक चली इस नौवीं प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को भी, नियमानुसार अंक गणित के 5 अलग-अलग वर्गों में अपनी योग्यता का परिचय देना पड़ा। उदाहरण के लिए, प्रतियोगियों को 10 अंकों वाली 10 संख्याओं को मन ही मन जोड़ना था, 8 अंकों वाली दो संख्याओं का गुणनफल बताना था और 6 अंकों वाली एक संख्या का मूलांक निकालना था।

इसी प्रकार सन् 1600 और 2100 के बीच किसी एक दिन के बारे में बताना था कि वह सप्ताह का कौनसा दिन है। इस वर्ग में भारत की ही अक्षिता शाह विजेता रहीं। अक्षिता ने केवल एक मिनट में 80 अलग-अलग तारीखों के सही दिन बता दिए।

इस विश्व प्रतियोगिता के प्रणेता राल्फ़ लाउए स्वयं एक गणितज्ञ हैं। उनका कहना है कि समय के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लेने वालों की संख्या और उनकी दिमागी गणना का स्तर बढ़ता ही गया है। इस बार जर्मनी, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, बुल्गारिया, क्यूबा, ऑस्ट्रिया, अमेरिका, स्पेन, फ्रांस, भारत, अल्जीरिया, नेपाल, लेबनान, इटली, पाकिस्तान, किर्गिस्तान, जापान और कोलंबिया की प्रतिभाओं ने हिस्सा लिया।

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