जलवायु परिवर्तन पर भारत की प्रतिबद्धता गांधी के सिद्धांतों पर आधारित : राजनयिक

शनिवार, 3 अक्टूबर 2015 (17:26 IST)
वाशिंगटन। महात्मा गांधी को उनकी 146वीं जयंती पर विश्वभर में लाखों लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बीच अमेरिका में भारत के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि, जलवायु परिवर्तन पर देश की प्रतिबद्धता गांधी के ‘अहिंसा, सत्याग्रह और सर्वोदय’ के निर्देशक सिद्धांतों पर आधारित है।

अमेरिका में भारत के राजदूत अरूण के सिंह ने कल यहां गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि, ‘आज भारत ने अपना अभीष्ट राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) घोषित किया। इस दिन को यह संकेत देने के लिए सोचसमझकर और विशेष तौर पर चुना गया कि भारत लक्ष्य पर काम करेगा, क्योंकि गांधी जी ने कहा था कि हमें ‘न्यासियों’ की तरह काम करना चाहिए।
 
सिंह ने कहा कि गांधी जी के अनुसार प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल बुद्धिमानी से करना चाहिए क्योंकि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, ताकि सुनिश्चित हो कि हम भविष्य की पीढ़ियों को एक स्वस्थ ग्रह प्रदान कर सकें।
 
वर्ष 2030 तक अपनी कार्बन उत्सर्जन गहनता 33-35 प्रतिशत तक घटाने और गैर जीवाश्म ईंधन से 40 प्रतिशत बिजली उत्पादन करने की भारत की घोषणा का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘भारत में सरकार द्वारा उठाए गए इन सभी कदमों में तीन सिद्धांतों- अहिंसा, सत्याग्रह और सर्वोदय की प्रासंगिकता है।’
 
सिंह ने अनुसार अहिंसा इसलिए क्योंकि भारत की सरकार और लोगों ने अपने खुद के फैसले लिए, न कि कहीं से फरमान हासिल हुआ। यह आवश्यक सिद्धांत है कि हम वह निर्णय करेंगे जो हमारे हित में होगा। (भाषा)

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