जावा द्वीप के सिरेबॉन में आयोजित यह बैठक दुनिया में मुस्लिम महिला मौलवियों की इस तरह की पहली प्रमुख बैठक थी। इसमें सैकड़ों लोगों ने शिरकत की। अधिकतर लोग इंडोनेशिया से थे लेकिन पाकिस्तान, भारत और सऊदी अरब से भी महिला मौलवी यहां पहुंचीं।
सम्मेलन में शामिल हुए धार्मिक मामलों के मंत्री लुक्मान हकीम सैफुद्दीन ने प्रस्ताव पर प्राधिकारियों की ओर से गौर किए जाने का संकेत देते हुए कहा कि मैं इस सिफारिश को सरकार के समक्ष पेश करूंगा। उन्होंने सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन महिलाओं एवं पुरुषों के संबंधों में न्याय के लिए लड़ने में सफल रहा। अन्य फतवों में एक फतवा महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ और एक पर्यावरण विनाश के खिलाफ भी था।