यह बैठक इसलिए हो रही है क्योंकि संधि के अनुसार वित्त वर्ष में कम से कम एक बार बातचीत अनिवार्य है। भारत के सिंधु जल आयुक्त और विदेश मंत्रालय के अधिकारी इस वाषिर्क बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। आयोग की पिछली बैठक मई, 2015 में यहां हुई थी।