ईरान के बंदरगाह पर हुए विस्फोट में 40 की मौत, 1000 लोग घायल

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 27 अप्रैल 2025 (23:34 IST)
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने एक बंदरगाह पर ह विस्फोट की घटना में घायल हुए लोगों से रविवार को मुलाकात की। दक्षिणी ईरान के शाहिद राजेई बंदरगाह पर मिसाइल प्रणोदक बनाने में इस्तेमाल आने वाले रासायनिक घटक की खेप से कथित तौर पर जुड़े भीषण विस्फोट में अब तक 40 लोगों की मौत हो गई और करीब 1000 लोग घायल हो गए हैं।
 
ईरान की सेना ने इस बात से इनकार कर दिया है कि चीन से अमोनियम परक्लोरेट आयात किया गया है। सोशल मीडिया पर घटनास्थल का नया वीडियो सामने आया है, जिसमें बंदरगाह पर एक गड्ढा दिखाई दे रहा है, जो करीब एक मीटर गहरा है। अधिकारियों ने इस क्षेत्र में स्कूल और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए।
 
ईरान के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान पेजेशकियन ने कहा कि हमें यह पता लगाना होगा कि ऐसा क्यों हुआ।’’
 
अधिकारियों ने बताया कि आग पर अब काबू पा लिया गया है तथा आपातकालीन कर्मचारियों को उम्मीद है कि रविवार तक आग पूरी तरह से बुझा दी जाएगी।
 
‘प्लैनेट लैब्स पीबीसी’ द्वारा रविवार को ली गई और समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा विश्लेषित उपग्रह तस्वीरों से पता चला कि घटनास्थल पर अभी भी काले धुएं का विशाल गुबार उठ रहा है।
 
ईरान के सरकारी टीवी ने बताया कि प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद अशौरी ने इस घटना में मारे गए लोगों की नवीनतम संख्या साझा की है।
 
ईरान की ‘रेड क्रिसेंट सोसाइटी’ के प्रमुख पीर हुसैन कोलीवंद ने देश की सरकारी वेबसाइट पर जारी एक बयान में मृतकों और घायलों की संख्या बताते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती कराए गए घायलों की संख्या रविवार को 190 रही।
ALSO READ: Pahalgam Terrorist Attack : भारत के एक्शन के बाद खौफ में Pakistan, चीन और रूस के सामने गिड़गिड़ाया, पहलगाम हमले को लेकर की यह मांग
निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने कहा कि बंदरगाह पर मार्च में ‘‘सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन’’ की खेप आई थी। यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान भेजी गई खेप का हिस्सा है, जिसके बारे में जनवरी में ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने पहली बार खबर प्रकाशित की थी।
 
इस ईंधन का उपयोग ईरान में मिसाइल भंडार की प्रतिपूर्ति के लिए किया जाना था, जो गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान इजराइल पर सीधे हमलों के कारण समाप्त हो गया था।
 
एम्ब्रे ने कहा, ‘‘यह आग कथित तौर पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों में उपयोग के लिए भेजे गए ठोस ईंधन की खेप को ठीक तरीके से नहीं रखने की वजह से हुआ।’’
 
ईरान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जनरल रजा तलाइनिक ने इस घटना पर रविवार को पहली प्रतिक्रिया देते हुए उन खबरों का खंडन किया कि बंदरगाह के जरिए मिसाइल ईंधन का आयात किया गया है।
 
उन्होंने सरकारी टीवी से फोन पर कहा, ‘‘ईंधन या सैन्य उपयोग के लिए किसी भी प्रकार की आयात और निर्यात की गई खेप बंदरगाह स्थल पर नहीं थी (या नहीं है)।’’
 
तलाइनिक ने मिसाइल ईंधन के संबंध में विदेशी खबरों को निराधार करार दिया, लेकिन उन्होंने इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि वहां किस पदार्थ के कारण इतना शक्तिशाली विस्फोट हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि अधिकारी इस संबंध में बाद में अधिक जानकारी साझा करेंगे।
 
यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान ने विशेष रूप से 2020 में बेरूत बंदरगाह विस्फोट के बाद इस बंदरगाह से रसायनों को क्यों नहीं हटाया। तब सैकड़ों टन अत्यधिक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और 6,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस बीच रविवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सहायता प्रदान करने के लिए बंदर अब्बास में कई आपातकालीन विमानों को भेजा। भाषा Edited by: Sudhir Sharma

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी