'ऑपरेशन दोस्त' के बाद क्या तुर्किए भारत का 'दोस्त' है?

मंगलवार, 7 मार्च 2023 (16:04 IST)
जब तुर्किए में लगातार तेज तीव्रता वाले भीषण भूकंप की वजह से तबाही‍ मच रही थी और मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा था, ठीक उसी वक्‍त पूरी दुनिया में भारत वो एकमात्र देश था, जिसने तुर्किए के लिए सबसे पहले मदद का हाथ आगे बढ़ाया था।

#Turkey Turkey no dost https://t.co/CqSXHPUQDa

— Himanshu Shekhar (@Himansh04639195) March 7, 2023
भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' के चलते बिना कोई वक्त गवाएं अपनी NDRF की टीमें तुर्किंए पहुंचाई। अपने रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को चलाकर भारत के जांबाज जवानों ने तुर्किए के कई नागरिकों को मौत मलबे में से निकाला, उन्‍हें मौत के मुंह से बाहर निकाला। यहां तक कि इमरजेंसी इलाज देकर वहां के नागरिकों की जानें बचाई गईं थी।

इस पूरी मदद के बाद तुर्किए में भारत की काफी तारीफ हुई थी, अंदाजा लगाया जा रहा था कि कश्‍मीर मुद्दे पर हमेशा पाकिस्‍तान का साथ देने वाले तुर्किए का रवैया अब भारत के प्रति बदल जाएगा। कुल मिलाकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि ऑपरेशन दोस्‍त की वजह से भारत और तुर्किंए अब ‘दोस्‍त’ हो जाएंगे।

हालांकि, अब मीडिया रिपोर्ट्स में एक अलग ही दावा किया जा रहा है। दरअसल, एक व्हाट्सअप मेसेज वायरल हो रहा है। ट्विटर पर भी #TurkeyNoDost नाम से हैशटेग ट्रेंड‍ कर रहा है। जो मैसेज वायरल हो रहा है उसमें दावा किया जा रहा है कि तुर्किए ने 'कश्मीर' मुद्दे पर पाकिस्तान का अब भी सर्मथन कर रहा है। मैसेज में लिखा गया है कि भारत ने तुर्किए को हर संभव ह्युमेनिटेरियन सहयोग दिया, अपनी NDRF की टीमें भी भेंजी। लेकिन इसके बदले तुर्किए ने UNHRC में भारत को धोखा देकर पाकिस्तान का समर्थन किया।'

देखा जाए तो तुर्किए अतीत में जरूर 'Anti-India' प्रॉपगेंडा में शामिल हुआ हो और कश्मीर मसले पर अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर पाकिस्तान का साथ दिया हो, लेकिन फिलहाल किए जा रहे यह सभी दावें झूठे और गुमराह करने वाले हैं। गौर करने वाली बात है कि तुर्किए ने भूकंप के विनाश के बाद भारत के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है।

UNHRC में तुर्किए का बयान: 27 फरवरी को हुए यूनाइटेड नेशंस ह्युमन राइटस् काउंसिल (UNHRC) के आयोजन में तुर्किए के डेप्युटी विदेश मंत्री ने दुनिया के उन सभी देशों की मदद की सराहना की जिन्होंने उसके महत्वपूर्ण समय में अपना सहयोग प्रदान किया था। उन्होंने अपने भाषण में कश्मीर का कहीं भी जिक्र नहीं किया।

भारत के खिलाफ तुर्किए के बयान: तुर्किए भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर चुका है। भारत ने जब 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था ‍तब तुर्किए के प्रेसिडेंट रैसेप तैयन एर्दोगन ने कहा था ‍कि इस फैसले के बाद यह मुद्दा और भी ज्यादा जटिल बन सकता है। 2021 में उन्होंने कश्मीर मसले को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के जरिए हल करने की बात कही थी।

हालांकि इन सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इन दावों में कितना दम है यह तो किसी को नहीं पता। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि भविष्‍य में तुर्किए और भारत के रिश्‍ते कैसे रहने वाले हैं। ऑपरेशन दोस्‍त के बाद भारत और तुर्किए दोस्‍त बन जाएंगे या दोनों के बीच के समीकरण बदल जाएंगे।
Translated: By Aditi gehlot

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