हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि न्यूक्लियर साइट पर हमले की आशंका बेहद कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस ऑपरेशन के लिए इजराइल को अमेरिका के मिलिट्री सपोर्ट और फंडिंग की भी जरूरत पड़ेगी। लेकिन इजराइल के कान पब्लिक ब्रॉडकास्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल ने जॉर्डन, मिस्र और खाड़ी देशों से कहा है कि वो ईरान पर इस तरह से हमला करेगा कि इसके बाद ईरान जवाबी हमला न करे।
माना जा रहा है कि इसके अलावा इजराइल, ईरान पर साइबर अटैक या ऑयल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला कर सकता है। चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल की वॉर कैबिनेट ने उन तमाम विकल्पों पर चर्चा की, जिसमें ईरान पर हमला करके उसे चोट पहुंचाई जाए लेकिन इससे विवाद को बढ़ावा न मिले। इनमें साइबर अटैक और ईरान के ऑयल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला शामिल रहा।