बीजिंग। चीन के पुरातत्वविदों ने लगभग 1,000 वर्षों से गायब एक प्रसिद्ध मंदिर को दक्षिण-पश्चिम शिचुआन प्रांत में खोज निकाला है। चेंगदू के मध्य हिस्से में स्थित फुगान मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर था, जो ईस्टर्न जिन वंश (317-420) से लेकर सदर्न सांग वंश (1127-1279) तक मौजूद था।
यह कहानी बताती है कि मंदिर का नाम फुगान क्यों रखा गया। दरअसल, इस शब्द का मतलब है ‘आर्शीवाद मिलना’। तांग और सांग वंश के अंतिम दौर में युद्ध के दौरान इस मंदिर का नामोनिशां तक मिट गया। पुरातत्वविदों ने 1,000 से ज्यादा पटलिकाएं निकाली हैं जिन पर बौद्ध लिपि अंकित है। इसके अलावा पत्थर के 500 शिल्प और अन्य चीजें भी मिली हैं।
खुदाई परियोजना का नेतृत्व कर रहे ई ली ने कहा कि हमने मंदिर क्षेत्र के केवल एक हिस्से को निकाला है लेकिन इसके गौरवशाली इतिहास की झलक हमें पहले ही मिल चुकी थी। ली ने बताया कि उन्हें मंदिर की नींव, इर्द-गिर्द की इमारतों के खंडहर, कुएं, सड़कें और मोरियां मिली हैं। मंदिर की खोज उस वक्त चीन में बौद्ध धर्म के विस्तार के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। (भाषा)