दिनेश और ताराकेश्वरी राठौड़ ने दावा किया था कि वे 23 मई को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एवरेस्ट पर चढ़ने में सफल रहे थे। हालांकि साथी पर्वतारोहियों ने यह कहते हुए पुणे के पुलिस कांस्टेबल दंपति के दावों पर सवाल उठाया था कि पर्वत चोटी की उनकी जो तस्वीर है, उसके साथ छेड़छाड़ की गई है।
भारतीय दंपति के दावों को पहले अपनी मंजूरी देने वाले नेपाल के पर्यटन मंत्रालय ने बाद में जांच की और फोटो फर्जी पाया। नेपाल के पर्यटन विभाग के प्रमुख सुदर्शन प्रसाद ढकाल ने कहा, हमारी जांच में पाया गया कि दंपत्ति ने शिखर की फर्जी तस्वीर प्रस्तुत की।
ढकाल ने कहा, हम लोगों ने प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया है और उन पर नेपाल के किसी पहाड़ पर चढ़ने से दस वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध अन्य पर्वतारोहियों के लिए आगाह करने वाला है। (भाषा)