'Namaste Trump' कार्यक्रम से भारत-अमेरिकी संबंधों में मजबूती की उम्मीद

शनिवार, 22 फ़रवरी 2020 (15:27 IST)
ह्यूस्टन। बीते साल सितंबर में यहां ऐतिहासिक 'हाउडी, मोदी' कार्यक्रम आयोजित करने वाली टीम का कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगले सप्ताह भारत की पहली यात्रा द्विपक्षीय संबंध को सुधारने, कूटनीतिक संबंध मजबूत करने और मुक्त हिन्द-प्रशांत के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का अवसर मुहैया कराएगी।
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ट्रंप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा पर जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप, उनकी बेटी इवांका ट्रंप, दामाद जेरेड कुश्नर और शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों का एक समूह होगा।
 
सोमवार को अहमदाबाद में ट्रंप दुनिया के सबसे बड़े नवनिर्मित क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा में प्रधानमंत्री मोदी के साथ 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। सितंबर में ट्रंप और मोदी ने ह्यूस्टन में भारतीय-अमेरिकियों की महारैली 'हाउडी, मोदी' में मंच साझा किया था। भारत में वे 'नमस्ते ट्रंप' के लिए मंच साझा करेंगे।
 
स्टेडियम में रैली तक जाने के लिए रोड शो के लिए अहमदाबाद में ट्रंप के स्वागत के लिए हजारों लोगों के आने की संभावना है। इस स्टेडियम में 1,10,000 दर्शकों के बैठने की जगह है।
 
ह्यूस्टन, टेक्सास में 'हाउडी, मोदी' के संयोजक जुगल मलानी ने एक बयान में कहा कि हम जानते हैं कि नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के आयोजक 24 फरवरी को होने वाले अपने सम्मेलन के लिए कितनी मेहनत कर रहे होंगे और हम कुछ दिनों में उनकी मेहनत का नतीजा देखने के लिए उत्साहित हैं।
 
दोनों नेताओं ने ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' रैली में 50,000 भारतीय-अमेरिकियों की उत्साहित भीड़ को संयुक्त रूप से संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि 'हाउडी, मोदी' का आयोजन करने वाले टेक्सास इंडिया फोरम यह देखकर खुश है कि राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा के साथ इस कार्यक्रम ने अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढ़ाया है।
 
बयान में कहा गया है कि ट्रंप की भारत यात्रा से द्विपक्षीय संबंध सुधारने और अपनी कूटनीतिक भागीदारी मजबूत करने का एक और अवसर मिलेगा, जो आर्थिक समृद्धि और वैश्विक शांति के लिए संभवत: वरदान होगा। इसमें कहा गया है कि यात्रा से मुक्त हिन्द-प्रशांत की ओर प्रतिबद्धता मजबूत होगी। साथ ही व्यापार की राह में मौजूद रोड़े दूर करने में मदद मिलेगी जिससे दोनों देशों में नई नौकरियां पैदा होंगी।

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