अमेरिकी संसद में नरेन्द्र मोदी का ऐतिहासिक स्वागत

बुधवार, 8 जून 2016 (21:54 IST)
वॉशिंगटन। कैपिटल हिल पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अमेरिका की संसद के दोनों सदनों में ऐतिहासिक स्वागत किया गया। मोदी देश पांचवें प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने अमेरिकी संसद को संबोधित किया, लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि भारत के जितने भी प्रधानमंत्रियों ने यहां संबोधन दिया, उसके पहले उन्हें उतना सम्मान नहीं मिला, जितना कि मोदी को मिला। वाकई यह ऐतिहासिक लम्हा था जो दिल को छू गया, दिल में बस गया...
यह पहला मौका था, जब अमेरिकी संसद में प्रधानमंत्री मोदी का सदन के दोनों सदस्य बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जैसे ही मोदी ने संसद के भीतर प्रवेश किया, एकसाथ सभी सदस्य खड़े होकर तालियां बजाते रहे। येे तालियां तब तक बजती रहीं, जब तक मोदी डायस तक नहीं पहुंच गए। डायस पर पहुंचने के बाद उन्होंने स्पीकर पॉल रॉयन का झुककर अभिवादन किया। इसके बाद खड़े होकर तालियां बजा रहे सदस्यों का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। यह सम्मान यहीं नहीं थमा, बल्कि मोदी ने हाथ जोड़कर प्रतिउत्तर देते हुए भारतीय परंपरा का निर्वाह भी किया।  
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को अमेरिकी संसद के सभी सभी सदस्य पूरे मनोयोग से सुनते रहे। बीच-बीच में सदस्य इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मोदी की बात पर खड़े होकर तालियां बजाईं, यह प्रसंग कई बार देखने को मिला। मोदी की लोकप्रियता और शख्सियत का यह आलम था कि अपना संबोधन खत्म करने के बाद उन्हें कई अमेरिकी सांसदों ने घेर लिया और सदस्यों में उनके ऑटोग्राफ लेने की होड़-सी मच गई। 
 
मोदी के पहले भी भारत के चार प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, नरसिंह राव और डॉ. मनमोहन सिंह ने भी अमेरिकी संसद को संबोधित किया लेकिन सदस्यों ने जो मान मोदी को दिया, उससे पहले यह सम्मान किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को नहीं मिला।

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