शुक्रवार को मीडिया में आई खबर में कहा गया था कि 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को पीएमएल-एन नीत सरकार द्वारा राजनयिक पासपोर्ट दिया गया है। 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार ने पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा कि शरीफ आखिरकार दिसंबर में पाकिस्तान लौटेंगे। हालांकि सूत्र ने कहा कि इस कदम को सरकार द्वारा समय से पहले चुनाव कराने के संकेत के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
सूत्र के हवाले से अखबार ने कहा कि ये अफवाहें सच नहीं हैं कि शरीफ चुनाव के करीब आने पर प्रचार के लिए लौटेंगे, क्योंकि उनकी वापसी का किसी भी तरह से मतलब यह नहीं है कि पीएमएल-एन नीत सरकार समय से पहले चुनाव के लिए सहमत हो गई है।