बारिश से जुड़ीं घटनाओं में 35 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लगातार बारिश के चलते देश के मध्य और पूर्वी हिस्से में आम जनजीवन पटरी से उतर गया है। गुरुवार से हो रही भारी बारिश से 25 से अधिक जिले और इसमें 10,385 परिवार प्रभावित हुए हैं।
नेपाल थलसेना और पुलिसकर्मियों ने देश में कई स्थानों पर 1,104 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इनमें से 185 लोगों को काठमांडू में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बाढ़ पूर्वानुमान प्रभाग (एफएफएस) ने लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की चेतावनी दी है और कहा है कि वायु एवं सड़क यातायात कम दृश्यता की वजह से प्रभावित हो सकता है। भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
एफएफएस ने बताया कि बागमती, कमला, सप्तकोशी और उसकी सहायक नदी सनकोसी उफान पर है और वे खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। एफएफएस में जलविज्ञानी बिनोद पारजुली के हवाले से खबर में बताया गया है कि इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
इस बीच मौसम विशेषज्ञों ने इतने कम समय में हुई भारी बारिश के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। 'काठमांडू पोस्ट' की खबर के मुताबिक पिछले 3 दिनों में देश में भारी बारिश हुई, जो वर्षा पद्धति में बदलाव का संकेत है। (भाषा)
(सांकेतिक चित्र)