वेलिंगटन। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनकी सरकार देश को गणतंत्र में बदलने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाएगी और उनका मानना है कि न्यूजीलैंड आखिरकार एक गणतंत्र देश बनेगा और संभवत: यह उनके जीवनकाल में होगा, लेकिन अभी उनकी सरकार के समक्ष और भी अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद न्यूजीलैंड गणराज्य को लेकर छिड़ी बहस की पृष्ठभूमि में उनकी यह टिप्पणी सामने आई है। अर्डर्न पहले भी देश के गणतंत्र बनने के लिए अपना समर्थन व्यक्त कर चुकी हैं। वर्तमान प्रणाली के तहत ब्रिटिश सम्राट न्यूजीलैंड का राष्ट्र प्रमुख होता है जिसका प्रतिनिधित्व न्यूजीलैंड में गवर्नर-जनरल द्वारा किया जाता है। गवर्नर-जनरल की भूमिका इन दिनों मुख्य रूप से औपचारिक मानी जाती है।
हालांकि कई लोगों का तर्क है कि न्यूजीलैंड अपने उपनिवेशवादी अतीत की छाया से पूरी तरह से बाहर निकलने में तब तक सक्षम नहीं होगा, जब तक कि यह एक गणतंत्र नहीं बन जाता और ऐसा होने पर ही यह वास्तव में एक स्वतंत्र राष्ट्र बन पाएगा।
अर्डर्न ने कहा कि कई सालों से बहस चल रही है। मैंने अपना विचार कई बार स्पष्ट किया है। मुझे विश्वास है कि न्यूजीलैंड समय के साथ आगे बढ़ेगा। मेरा मानना है कि यह मेरे जीवनकाल में ही संभव हो जाएगा। लेकिन यह ऐसी चीज नहीं है जिसे जल्द लागू करना इस समय एजेंडे में हो। गणतंत्र बनना कोई ऐसी बात नहीं है जिस पर उनकी सरकार ने किसी भी समय चर्चा करने की योजना बनाई हो।
अर्डर्न ने कहा कि एलिजाबेथ एक असाधारण शख्सियत थीं और न्यूजीलैंड के कई लोग उनके निधन पर शोक में शामिल होना चाहेंगे। न्यूजीलैंड की महारानी और 70 से अधिक वर्षों से बहुचर्चित शासक रहने के बाद उनके निधन पर यह उचित होगा कि उनके सम्मान में प्रार्थना सभा अयोजित करें और सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करें। उन्होंने कहा कि वे इस सप्ताह एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ब्रिटेन रवाना होंगी।(भाषा)