प्रतिकात्मक फोटो
पहले पीओके के मुज्जफराबाद में, फिर बलूचिस्तान में इसके बाद खैबर पख्तूनख्वां में इसको लेकर विरोधी स्वर तेज हो गए हैं। लेकिन अब अफगानिस्तान में भी पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आतंकियों और उनके ट्रेनिंग कैंपों के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। अफगानिस्तान के हैरात में इसी मुद्दे पर कई लोगों ने मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यदि पाकिस्तान इससे भी नहीं माना तो बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
हैरात में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान को खुलकर समर्थन कर रहा है। हैरात में स्थित पाकिस्तान काउंसलेट के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वालों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान का झंडा भी फूंका और यूएई के पांच डिप्लोमट की हत्या के लिए जिम्मेदार तालिबान के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
गौरतलब है कि पाकिस्तान तो पहले से ही तालिबान का समर्थन करता आया है लेकिन वर्तमान में रशिया ने भी तालिबान का समर्थन कर क्षेत्र में अशांति फैला दी है। तालिबान ने ही पिछले दिनों अफगानिस्तान में बड़ा हमला कर कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले में यूएई के पांच डिप्लोमट भी मारे गए थे। बीते मंगलवार को कंधार में यह हमला उस वक्त हुआ था जब एक गैस्ट हाउस में यूएई राजदूत की वहां के गवर्नर और पुलिस चीफ के बीच एक अहम बैठक चल रही थी। इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
इससे पहले पाकिस्तान द्वारा तालिबान आतंकियों को बढ़ावा दिए जाने के खिलाफ अफगानिस्तान ग्रीन ट्रेंड के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान दूातावास के बाहर प्रदर्शन किया था। बाद में पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था। इस ग्रुप को रावंद-ए-सब्ज-ए-अफगानिस्तान के नाम से भी जाना जाता है। शुक्रवार को हुए इस विरोध प्रदर्शन के दौरान इन प्रदर्शनकारियों पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इनका आरोप था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तालिबान के साथ मिलकर इस तरह के हमले करवा रही है। (एजेंसी)