विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि करीब 1800 सिख श्रद्धालुओं का एक समूह तीर्थाटन सुगमता संबंधी द्विपक्षीय संधि के तहत 12 अप्रैल को पाकिस्तान की यात्रा पर गया। इन भारतीय तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए भारतीय उच्चायुक्त शुक्रवार को इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के अध्यक्ष के निमंत्रण पर गुरुद्वारा पंजा साहिब जा रहे थे लेकिन बिना कोई कारण बताए उन्हें बीच रास्ते से ही लौटने के लिए बाध्य कर दिया गया।
विदेश मंत्रालय ने इसे पाकिस्तान का 'अतार्किक कूटनीतिक बेअदबी' करार दिया और कहा कि ए घटनाएं राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का स्पष्ट उल्लंघन है। उसने कहा कि भारत ने तीर्थयात्रा पर गए श्रद्धालुओं से भारतीय राजनयिकों एवं दूतावास टीमों को नहीं मिलने देने पर कड़ा एतराज प्रकट किया है। अभी महज दो हफ्ते पहले ही भारत और पाकिस्तान राजनयिकों के साथ व्यवहार से जुड़े मुद्दों का समाधान करने पर राजी हुए थे, क्योंकि इन दोनों देशों के दूतों ने एक दूसरे के राजनयिकों के उत्पीड़न का दावा-प्रतिदावा किया था। (भाषा)