टोक्यो में भारतीय समुदाय के बीच उन्होंने कहा, 'आज पर्यावरण की सुरक्षा, आर्थिक असंतुलन दूर करने के लिए और विश्व शांति के लिए भारत की भूमिका अग्रणी है। मैं सियोल पीस प्राइज की ज्यूरी का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मोदीनॉमिक्स की प्रशंसा की है। उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए मैं ये कहना चाहूंगा कि मोदीनॉमिक्स के बजाय ये इंडोनॉमिक्स का सम्मान है।'
पीएम मोदी ने ये भी बताया कि देश में फिलहाल 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही डाक ले जाने वाला डाकिया भी अब बैंकर बन गया है। उन्होंने कहा, 'आज भारत परिवर्तन के बड़े दौर से गुजर रहा है। दुनिया आज मानवता की सेवा के लिए भारत के प्रयासों का गौरवगान कर रही है। भारत में जो नीतियों का निर्माण हो रहा है, जनसेवा के क्षेत्र में जो कार्य हो रहा है उसके लिए देश को सम्मानित किया जा रहा है।'
पीएम मोदी ने पिछले चार साल के कामकाज का बखान करते हुए बताया कि जनधन, आधार और मोबाइल, यानि JAM की Trinity से जो ट्रांसपेरेंसी भारत में आई है, उससे अब दुनिया के दूसरे विकासशील देश भी प्रेरित हो रहे हैं।
दोनों देशों के संबंधों पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच संबंधों की जड़ें पंथ से लेकर प्रवृति तक हैं। हिंदू हो या बौद्ध मत, हमारी विरासत साझा है। हमारे आराध्य से लेकर अक्षर तक में इस विरासत की झलक मिलती है। (एजेंसी)