भेदभाव की बिल्कुल भी जगह नहीं है। जब आप लोकतंत्र कहते हैं और लोकतंत्र स्वीकार करते हैं तो भेदभाव की कोई जगह नहीं होती। भारत सबको साथ लेकर आगे बढ़ने में विश्वास रखता है। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में भेदभाव की जगह नहीं है। यहां जाति, पंथ, धर्म या लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता है।#ModiUSVisit2023 | No question of discrimination on the grounds of caste, creed or religion arises. That is why, India believes in sabka saath, sabka vikas, sabka vishwas, sabka prayaas and walks ahead with it, says PM @narendramodi in a Joint Press statement with US President… pic.twitter.com/59cYu7i9gB
— DD News (@DDNewslive) June 22, 2023
140 करोड़ भारतीयों के प्रधानमंत्री का जवाब इतना कमज़ोर?
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) June 22, 2023
अगर गांधी के सत्याग्रह और अपने राजधर्म को निभाया होता तो आज वैश्विक पटल पर हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री की दहाड़ सुनायी देती.
वो सीना ठोक कर और हुंकार भर के अपने देश के अल्पसंख्यक समुदाय की रक्षा पर जवाब देता.