अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद सारांश को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद गृह विभाग हिंदू और ईसाई कैदियों की सजा अवधि में कमी संबंधी अधिसूचना जारी करेगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कैदी अपने पवित्र धर्मग्रंथों का अध्ययन करने को प्रेरित होंगे।
मार्च में लाहौर उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार से अल्पसंख्यक कैदियों को सजा में छूट दिए जाने के संबंध में रिपोर्ट तलब की थी। एक ईसाई याचिकाकर्ता ने पाकिस्तान जेल नियम 1978 के नियम 215 के तहत मुसलमानों को दी जाने वाली छूट का हवाला देते हुए अन्य धर्मों के कैदियों के लिए भी इसी तरह की छूट के प्रावधान का अनुरोध किया था।
आधिकारिक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में पंजाब प्रांत की 34 जेलों में ईसाई, हिंदू और सिख सहित 1,188 अल्पसंख्यक कैदी हैं।(भाषा)