इस प्रस्ताव का पश्चिमी ताकतें समर्थन कर रही थीं ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने सुरक्षा परिषद् में इस प्रस्ताव की रूपरेखा तैयार कियी थी, जिसके पक्ष में नौ मत पड़े जबकि तीन देश- चीन, रूस और बोलीविया ने इसका विरोध किया। कजाखिस्तान, इथियोपिया और मिस्र ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव को नौ वोटों की दरकार थी।