ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ से वैज्ञानिकों ने इस्तेमाल किए गए 200 प्लास्टिक के खिलौनों का विश्लेषण किया। इन खिलौनों को उन्होंने घरों, नर्सरी एवं चैरिटी दुकानों से प्राप्त किया था। इन खिलौनों में कार, ट्रेन, कंस्ट्रक्शन प्रोडक्ट, आकृतियां एवं पजल्स शामिल थे। इन सभी का आकार इतना था कि उन्हें छोटे बच्चे चबा सकते हैं।
इन खिलौनों में उन्हें एंटीमनी, बैरियम, ब्रोमाइन, कैडमियम, क्रोमियम, लेड एवं सेलेनियम सहित हानिकारक तत्वों की उच्च सान्द्रता मिली थी। ये तत्व बच्चों के लिए लंबे समय तक जहरीले होते हैं। आगे की जांच में यह पता चला कि कई खिलौनों ने ब्रोमाइन, कैडमियम या लेड का स्राव किया, जो यूरोपीयन काउंसिल्स टॉय सेफ्टी डाइरेक्टिव द्वारा तय मानकों से अधिक हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ के एंड्रयू टर्नर ने कहा कि सेकंड हैंड खिलौने परिवारों के लिए लुभावना विकल्प होते हैं, क्योंकि इन्हें सीधे-सीधे दोस्तों या रिश्तेदारों से अथवा बेहद सस्ती दर पर और चैरिटी दुकानों, छोटी-मोटी दुकानों एवं इंटरनेट से आसानी से तुरंत प्राप्त किया जा सकता है। (भाषा)