सेक्सुअल उत्तेजना कितनी, बताएगा यह यंत्र...

शुक्रवार, 14 नवंबर 2014 (13:55 IST)
क्या आप जानती हैं कि आपको क्या उत्तेजित करता है? मगर अब एक यंत्र बता देगा कि आप किस चीज से कितनी उत्तेजित होती हैं। एक महिला की अंदरूनी जांच से यह बात स्पष्ट हुई है कि कैसे महिलाएं कुछ यौन इच्छाओं को दबा देती हैं। यह पता लगाने के लिए द किंसी इंस्टीट्‍यूट, इंडियाना ने एक 'कांच का रुई के फाहे जैसा एक प्रोब (जांच पड़ताल करने वाला उपकरण)' बनाया है जिससे सेक्सुअल उत्तेजना को नापा जा सकता है।    
 
एक लेखिका मैलनी बरलीएट ने खुद को परीक्षण के लिए प्रस्तुत किया और उन्होंने पाया कि उनकी उम्मीदों के विपरीत पैरों को लेकर यौन आकर्षण के फुटेज ने उन्हें उत्तेजित किया। जबकि उन्हें थ्रीसम को देखकर तीव्र इच्‍छा नहीं हुई हालांकि वे एक व्यक्ति के साथ से प्रभावित हुईं। हॉरर फिल्मों जैसे कि साइलेंस ऑफ द लैम के दृश्यों ने उन्हें शारीरिक तौर पर उत्तेजित किया, लेकिन रोमांटिक- कॉमेडी फिल्मों के दृश्यों वे प्रभावित नहीं हुईं।  
 
मेल ऑनलाइन में एनाबेल फेनविक इलियट लिखती हैं कि शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि बहुत सी महिलाओं का मानना है कि उन्हें ठीक-ठीक पता होता है कि उन्हें क्या बात उत्तेजित करता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि मस्तिष्क और महिलाओं के अंग एक-दूसरे से सहमत नहीं होते हैं। किंसी इंस्टीट्‍यूट फॉर रिसर्च इन सेक्स, जेंडर एंड रिप्रोडक्शन ने एक योनि के अंदर रखा जाने वाला फोटोप्लिथिसमोग्राफ या पीपीजी बनाया जो कि रक्त संचार द्वारा यौन उत्तेजना को नापता है। इसके साथ ही यह इस बात की भी जानकारी देता है कि शरीर और दिमाग में कहां तक संबंध नहीं है। 
 
इस तरह हुआ महिला पर यंत्र का प्रयोग... पढ़ें अगले पेज पर....
 
 

न्यूयॉर्क शहर में रहने वाली 33 वर्षीय लेखिका मेलनी बरलाइट ने खुद पर इस उपकरण का प्रयोग किया। इसके बाद उन्हें पता लगा कि वे जिन बातों और चीजों को सेक्सी पाती थीं, उनको लेकर शरीर के नीचे के अंगों ने पर्याप्त जवाब नहीं दिया। कॉस्मोपॉलिटन में अपने अनुभव के बारे ‍में लिखते हुए सुश्री बरलाइट का कहना है कि वे अपने को विषमलिंगी मानती हैं जो कि विभिन्न पोजीशन्स और खिलौनों का मजा लेती हैं। अगर उनकी इच्छा होती है तो वे थ्रीसम को लेकर उत्सुक रहती हैं। परीक्षण को ध्यान में रखते हुए बरलाइट को उपकरण को अपनी योनि में रखना पड़ा। 
 
बाद में, उन्हें एक लेदर कुर्सी पर बैठना पड़ा और उनके सामने विभिन्न तरह के कामुक और गैर-कामुक वीडियो क्लिप्स दिखाए गए। उन्होंने मेल ऑनलाइन से कहा कि उपकरण एक कांच का था लेकिन यह रुई के फाहे जैसा था और इसलिए यह भूलना भी सहज ही था, यह मेरे शरीर के अंदर है। यह उपकरण योनि की नब्ज की तरह से काम करता है और यह आसपास के ऊतकों में रक्त के प्रवाह को मापता है जो कि उत्तेजना को बताता है। सीधा बैठे रहना एक चुनौती थी, लेकिन कुछ मिलाकर मैं आरामदायक स्थिति में थी। मेरा पूरा ध्यान पोर्न देखने पर था और जो कुछ थोड़ी बहुत असुविधा हो सकती थी लेकिन चित्रों का प्रभाव मेरे चेहरे पर देखा जा सकता था।  
 
वे मानती थीं कि थ्रीसम के फुटेज उन्हें उत्तेजित कर देंगे और आनंद के लिए किसी दूसरे को कसकर जकड़ लेना उन्हें प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन उनके नीचे के अंगों ने इसके उल्टे तरीके से प्रतिक्रिया दी। इस अध्ययन को सम्पादित करने वाले एरिक जानसन का कहना है कि उत्तेजना, मस्तिष्क के दो सिस्टम्स का संतुलन होता है। इसमें यौन उत्तेजना एक पेडल होता है और यौन अवरोध या ब्रेक कहा जा सकता है।
 
उन्हें जो वीडियो दिखाए गए, उनके आधार पर अपनी राय देने को कहा गया। जब उनसे कहा कि वे प्रत्येक क्लिप को एक से दस के स्कोर पर रेट करें लेकिन उनके निष्कर्ष उनके विचारों से बिल्कुल अलग रहे। वे समलैंगिक (गे) अधिकारों की समर्थक हैं लेकिन उन्हें दो उत्तेजित पुरुषों का दृश्य बड़ा बुरा लगा। वे मानती थीं कि न तो जानवर और न ही पैर उन्हें उत्तेजित करते हैं।
 
लेकिन वास्तव में, उन्हें इन दोनों बातों ने आकृष्ट किया। शरीर और दिमाग के द्वंद्व के कारण ही शर्म, अपराध बोध और सामाजिक दबाव हमारी वास्तविक यौन इच्छाओं का निर्धारण करते हैं और ये बातें हमारे अवचेतन मन का आइना बन जाती हैं। 
 

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