सिरीसेना ने शुक्रवार की रात को विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया और महिंदा राजपक्षे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुकत कर दिया। अगले दिन जब विक्रमसिंघे ने अपना बहुमत साबित करने के लिए संसद के आपात सत्र बुलाने की मांग की तो सिरीसेना ने संसद 16 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दी। उन्होंने विक्रमसिंघे की निजी सुरक्षा भी वापस ले ली।
स्पीकर ने कहा कि संसद को निलंबित करने का फैसला स्पीकर के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए। जयसूर्या ने कहा, '16 नवंबर तक संसद भंग रखने से हमारे देश को गंभीर एवं अवांछनीय परिणाम भुगतने होंगे और मैं आपसे विनम्र आग्रह करता हूं कि इस पर फिर से विचार करें।'
उन्होंने कहा, 'मेरे विचार से, यह मेरा कर्तव्य है कि मैं आपका ध्यान उस प्रक्रिया की तरफ आकर्षित करूं जिसके तहत संसद स्थगित करने का फैसला अध्यक्ष के परामर्श से लिया जाना चाहिए।' अध्यक्ष ने विक्रमसिंघे की सुरक्षा वापस लेने के सिरीसेना के फैसले पर भी सवाल उठाए।