कौन है पेशावर में हमला करने वाला तहरीके तालिबान

मंगलवार, 16 दिसंबर 2014 (15:13 IST)
पा‍किस्तान के पेशावर शहर के आर्मी स्कूल में हमला करके सैकड़ों मासूम बच्चों की जान लेने की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तहरीके तालिबान ने ली है। तहरीके तालिबान ने हमले को ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब और ऑपरेशन खैबर-1 का बदला बताया। कौन है यह तहरीके तालिबान जो इस तरह मासूम लोगों की जान से खेल रहा है। तहरीके तालिबान ही वह संगठन है जिसने 2012 में मलाला यूसुफज़ई पर जानलेवा हमला किया था।

तहरीक का मतलब होता है उकसाना और तालिब शब्द का अर्थ छात्र या धार्मिक शिक्षा मांगने वाला। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मतलब पाकिस्तानी छात्र अभियान है। तहरीके तालिबान का गठन 2007 में किया गया और इसे लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ अपने कई अभियान चलाए। इस संगठन की स्थापना दिसंबर 2007 को हुई जब बेयतुल्लाह महसूद​ के नेतृत्व में 13 गुटों ने एक तहरीक (अभियान) में शामिल होने का निर्णय लिया।

इसकी बढ़ती आंतकी गतिविधियों के कारण पाकिस्तान ने इसे 2008 में बैन कर दिया, लेकिन सीमा पार इसकी आतंकी गतिविधियां जारी रहीं। बोस्टन में हए बम धमाकों में भी इस संगठन का नाम आया था, लेकिन इसने हमले में अपना हाथ होने से इंकार कर दिया था।

तहरीके तालिबान को पाकिस्तानी तालिबान भी कहते हैं, पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा के पास स्थित संघ-शासित जनजातीय क्षेत्र से उभरने वाले चरमपंथी उग्रवादी गुटों का एक संगठन है। यह अफगानिस्तान के तालिबान से अलग है। इनका मकसद पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपंथी इस्लामी अमीरात को कायम करना है।

मलाला पर भी हमला करवाया : मलाला को अक्टूबर 2012 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों ने गोली मार दी थी। तालिबान का विरोध करते हुए लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठाने की वजह से मलाला आतंकियों के निशाने पर थी और इसीलिए उसे गोली मारी गई। ब्रिटेन में इलाज के बाद मुश्किल से मलाला की जान बच पाई।

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