अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट ने अपने बयान में कहा, यह चौथी बार है जब चीन ने ये अड़ंगा लगाया है। उन्होंने सवाल किया कि चीन ने सुरक्षा परिषद को यह काम करने से नहीं रोकना चाहिए, लेकिन ऐसा हुआ। चीन के इस कदम से उपमहाद्वीप में शांति का मिशन फेल हो गया।
रॉबर्ट ने कहा कि चीन का यह कदम आतंकवाद का मुकाबला करने और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को आगे बढ़ाने के अपने स्वयं के घोषित लक्ष्यों के साथ असंगत है। अगर चीन इस मामले में गंभीर है, तो उसे पाकिस्तान या किसी अन्य देश के आतंकवादियों को परिषद के प्रति जवाबदेह होने से नहीं बचाना चाहिए।
बयान में कहा गया, अगर चीन अड़ंगा लगाना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य सुरक्षा परिषद में अन्य एक्शन लेने के लिए मजबूर हो सकते हैं। यह बात इतनी नहीं बढ़नी चाहिए।