यूरोपीय संघ से वापसी संबंधी विधेयक पर गत एक सप्ताह से संसद में प्राय: कड़वी बहस होती रही। ब्रेक्जिट के मुद्दे पर केवल संसद ही नहीं बल्कि सत्तारुढ़ कंजर्वेटिव के साथ-साथ मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी और पूरे देश में गहरा विभाजन है। इसने सुश्री मे की कमजोरी को भी उजागर किया है। (वार्ता)