संरा प्रमुख ने यौन शोषण और यौन हिंसा की तरह यौन उत्पीड़न को पुरुषों और महिलाओं के बीच ऐतिहासिक शक्ति असंतुलन बढ़ाने वाला बताते हुए कहा कि वे अच्छी तरह से पुरुष-प्रभुत्व वाली संस्कृति से अवगत हैं, जो कि सरकारों, निजी क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और नागरिक समाज के क्षेत्रों में भी फैले हुए हैं।
संरा महासचिव ने कहा कि इस संबंध में समान अधिकार और प्रतिनिधित्व बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में शुरू की गई लिंग समानता रणनीति की चर्चा करते हुए कहा कि इसके इतिहास में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर समान संख्या में महिलाओं का पुरुषों की अपेक्षा अधिक कब्जा हो चुका है। वास्तव में यह संख्या 21 पुरुषों की अपेक्षा 23 महिलाओं का है। उन्होंने इसे महज एक 'शुरुआत' बताया। (वार्ता)