उड़ी हमले के बाद वैश्विक समुदाय ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई

मंगलवार, 20 सितम्बर 2016 (10:16 IST)
नई दिल्ली। उड़ी हमले के बाद रूस, फ्रांस, कनाडा और अफगानिस्तान समेत वैश्विक समुदाय ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए हमले की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने उम्मीद जताई कि हमले को अंजाम देने वालों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। उड़ी हमले में 18 सैनिकों की जान चली गई।
रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
 
बयान में कहा गया, 'जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए हमले के संदर्भ में हम नियंत्रण रेखा के पास आतंकी हमलों को लेकर बहुत चिंतित हैं। हम इस बात से भी चिंतित हैं कि नई दिल्ली के अनुसार उड़ी के पास सेना के बेस पर पाकिस्तानी क्षेत्र से हमला किया गया।'
 
फ्रांस के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, 'फ्रांस कश्मीर क्षेत्र में भारतीय सैन्य शिविर पर 18 सितंबर को हुए भीषण आतंकवादी हमले की अत्यंत कड़ी निंदा करता है। वह हमले में मारे गए 17 भारतीय जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता है।'
 
इसमें कहा गया है, 'फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। फ्रांस सभी देशों से अपील करता है कि वे अपनी जमीन पर या अपनी जमीन से दूसरे देशों के खिलाफ काम कर रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावशाली तरीके से लड़ें।'
 
फ्रांस ने भारत पर हमले करते रहने वाले आतंकवादी संगठनों, खासकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप निर्णायक कार्रवाई की भी मांग की। पेरिस में आज एक प्रेस ब्रीफिंग में फ्रांस के विदेश और अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्रालय के उप प्रवक्ता ने कहा कि 'इस साल की शुरुआत में पठानकोट हमले के बाद यह हमला हमें याद दिलाता है कि फ्रांस की तरह भारत आतंकवाद का शिकार है।'
 
उन्होंने कहा, 'हम इस संकट से मुकाबले में अपने रणनीतिक साझेदार भारत को पहले से ज्यादा समर्थन देते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस साल जनवरी में भारत की यात्रा के दौरान जो कहा था, उसके मुताबिक सभी देशों को अपनी जमीन से या अपने नियंत्रण वाली जमीन से पैदा होने वाले आतंकवाद से प्रभावी तरीके से लड़ना चाहिए।'
 
हमले की निंदा करते हुए भारत में अफगान राजदूत शाइदा अब्दाली ने कहा कि विदेश नीति के औजार के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले देशों को न केवल अलग-थलग किया जाना चाहिए बल्कि बेगुनाह लोगों की जान लेने के लिए भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
 
भारत में कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त जेस डटन ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, 'कनाडा सरकार मृतकों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करती है।' उन्होंने कहा, 'हम इन हमलों से स्तब्ध हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार के साथ खड़े हैं।' अमेरिका और ब्रिटेन ने भी कल ही हमले की निंदा की थी। (भाषा)

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