सावधान! वियाग्रा से अंधत्व का खतरा...

सोमवार, 6 अक्टूबर 2014 (13:57 IST)
एक नए अध्ययन में इस बात का संकेत मिलता है कि जिनको वंशानुगत तौर पर आंखों की हालत खराब होती है, ऐसे लोगों में वियाग्रा के कारण आंखों की देखने की क्षमता समाप्त हो सकती है।
 
इस संबंध में ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं का कहना है कि वंशानुगत कारणों से जिन लोगों की आंखें कमजोर होती हैं, उन लोगों को वियाग्रा लेने के कारण देखने की क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ऐसा इस दवाई में पाए जाने वाले एक तत्व के कारण होता है। 
 
वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन लोगों की दृष्ट‍ि सामान्य होती हैँ, उनकी आंखों पर भी इस तरह के तत्व से असर पड़ सकता है। यह निष्कर्ष उस एन्जाइम से जुड़ा है कि रोशनी के सिग्नल को रेटिना से मस्तिष्क तक ले जाता है। वियाग्रा में सिल्डेनाफिल नामक एक तत्व पाया जाता है जिसे पहले से ही इस बात के लिए जाना जाता है कि यह इस एंजाइम को सक्रिय होने से रोकता है। इस कारण से कुछ यूजर्स में अस्थायी तौर पर दृष्टि संबंधी समस्याओं को देखा गया था।
 
अब डॉक्टरों का मानना है कि जिन लोगों में एक दुर्लभ वंशानुगत बीमारी- रेटिनाइटिस पिगमेन्टोसा-ऐसे लोगों में यह स्थायी क्षति कर सकती है। इस बीमारी के कारण रेटिना के सेल्स विकृत होकर मर जाते हैं। इस अध्ययनों को चूहों पर किया गया था और शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन चूहों में रेटिनाइटिस पिगमेन्टोसा के म्युटेंट जीन की एक सिंगल कॉपी भी होती है, उनमें अंधापन देखा गया था, लेकिन इन निष्कर्षों के बाद भी यह दवा अपने उद्देश्य को पूरा करने में सफल होगी भले ही इसके साथ एक ऐसा खतरा जुड़ा है जोकि आता हुआ दिखाई नहीं देता है। 

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