चौंक जाएंगे! छात्रवृत्ति के लिए कौमार्य परीक्षण...

गुरुवार, 6 अक्टूबर 2016 (18:07 IST)
जोहांसबर्ग। सामान्यत: स्कॉलरशिप या छात्रवृत्ति उनके लड़के-लड़कियों को दी जाती है जो कि पढ़ने में बहुत होशियार होते हैं। दुनिया में लगभग सभी देशों में स्कॉलरशिप के लिए एक जैसे ही नियम होते हैं, लेकिन यह जानकर आप चौंक सकते हैं कि अफ्रीका महाद्वीप में दक्षिण अफ्रीका एक ऐसा देश ऐसा भी है जहां स्कॉलरशिप पाने के लिए लड़कियों का वर्जिन होना जरूरी है।

(फोटो : यूट्यूब)
साउथ अफ्रीका के उथूकेला शहर में लड़कियों को स्कॉलरशिप हासिल करने के लिए वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है। लड़की चाहे किसी भी उम्र की हो उसे ये टेस्ट करवाना पड़ता है, लेकिन जो टेस्ट में फेल हो जाती है उसे स्कॉलरशिप की लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है। ऐसा करने के पीछे का कारण जानकर आप चौंक जाएंगे।
 
उथूकेला शहर की मेयर ने स्कूलों और कॉलेजों में उन लड़कियों को स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया है, जो लड़किया वर्जिन हों। लेकिन स्कॉलरशिप के दौरान अगर किसी ने अपनी वर्जिनिटी खो दी तो उससे स्कॉलरशिप छीन ली जाएगी। इसलिए इस स्कॉलरशिप को पाने के लिए छात्राओं को वर्जिनिटी टेस्ट देना होता है। ऐसा करने के पीछे उनका मकसद एड्स के खतरे को कम करना है।
 
लेकिन,  इस तरह की भेदभावपूर्ण शिक्षा प्रणाली के आलोचकों का कहना है कि अगर आपको एड्‍स या एचआईवी फैलने का डर है तो आपको बच्चों को यौन शिक्षा से परिचित कराना चाहिए। केवल लड़कियों पर इस तरह के प्रतिबंध लगाकर लोग भेदभावपूर्ण नियमों को समाज में मान्यता दिलाते हैं। क्या आप लड़कों पर इस तरह के प्रतिबंध लगा सकते हैं? क्या लड़के यौन संसर्ग से फैलने वाली बीमारियों से पीड़ित नहीं होते हैं? लेकिन इस तरह के नियम-कानून केवल लड़कियों, महिलाओं के लिए ही बनाए जाते हैं। दुख की बात है कि इस तरह के नियमों को प्रभावी बनाने में महिलाओं की भी भूमिका होती है।

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