जिम्बाब्वे में मुगाबे को लेकर उठे सवाल, सड़कों पर उतरी सेना
बुधवार, 15 नवंबर 2017 (09:32 IST)
हरारे। वर्ष 1980 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से जिम्बाब्वे में सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की शासन पर पकड़ को लेकर उठे सवालों के बीच बुधवार को देश की राजधानी हरारे के निकट सेना के सशस्त्र वाहन देखे गए।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मुगाबे के शासन की महत्वपूर्ण समर्थक रही सेना और 93 वर्षीय नेता के बीच तनाव गहरा गया है और आज तड़के बोरोडाले में लंबे समय तक गोलीबारी हुई।
मुगाबे की जेडएएनयू-पीएफ पार्टी ने सेना प्रमुख जनरल कांन्सटैनटिनो चिवेंगा पर मंगलवार को राजद्रोह संबंधी आचरण का आरोप लगाया। इस विवाद ने मुगाबे के लिए ऐसे समय में बड़ी परीक्षा की घड़ी पैदा कर दी है, जब पहले कह वहां हालात खराब चल रहे हैं।
चिवेंगा ने मांग की है कि मुगाबे उपराष्ट्रपति एमरसन मनांगाग्वा की पिछले सप्ताह की गई बर्खास्तगी को वापस लें।
जेडएएनयू-पीएफ ने कहा कि चिवेंगा का रुख स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय शांति को बाधित करने वाला है... और यह उनकी ओर से राजद्रोह संबंधी आचरण की ओर इशारा करता है क्योंकि इसका मकसद विद्रोह को भड़काना है। मनांगाग्वा को बर्खास्त किए जाने से पहले उनका मुगाबे की पत्नी ग्रेस (52) से कई बार टकराव हुआ था। ग्रेस को अगले राष्ट्रपति के लिए मनांगाग्वा का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है।
हालात खराब होने के मद्देनजर हरारे में अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को चेताया है कि जारी राजनीतिक अस्थिरता के कारण वे शरण ले लें।
चिवेंगा ने संभावित सैन्य हस्तक्षेप की चेतावनी दी थी। इसके मद्देनजर हरारे के बाहर सशस्त्र वाहनों ने निवासियों को चिंतित कर दिया है। इस संबंध में टिप्पणी के लिए सेना के प्रवक्ता से बात नहीं हो पाई। इस बीच ‘एपी’ की खबर के अनुसार हरारे में आज तड़के कम से कम तीन विस्फोट सुने गए।
सेना ने तख्तापलट से किया इनकार : जिम्बाब्वे की सेना के अधिकारियों ने सरकारी टेलीविजन चैनल पर सीधे प्रसारण के दौरान एक बयान पढ़ते हुए कहा कि वे तख्तापलट नहीं कर रहे हैं, बल्कि देश के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के आस पास मौजूद अपराधियों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्र को यह आश्वासन देना चाहते हैं कि राष्ट्रपति और उनका परिवार सही सलामत हैं और उनकी सुरक्षा की गारंटी है। (भाषा)