भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा रखें : मनमोहन

सोमवार, 26 मार्च 2012 (17:10 IST)
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ओडिशा में पोस्को की विलम्बित इस्पात परियोजना की प्रगति को लेकर दक्षिण कोरियाई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को आश्वस्त किया और कहा कि कोरियाई कंपनियों को भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए

सिंह ने यहां प्रमुख स्थानीय कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘ मैं मानता हूं कि कभी कभी हमारी प्रक्रिया धीमी हो सकती है, लेकिन समस्याओं और मतभेदों को दूर करने के लिए देश में कारगर प्रणाली है व मजबूत कानूनी व्यवस्था काम करती है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पोस्को की परियोजना में प्रगति चाहती है और इस दिशा में कुछ प्रगति हो भी रही है। कोरियाई कंपनी पोस्को ओडिशा में 12 अरब डॉलर की इस्पात परियोजना लगाना चाहती है। भारत में यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का अब तक का सबसे बड़ा प्रस्ताव बताया जा रहा है।

सिंह ने कहा भारत स्थायी एवं लाभप्रद दीर्घकालिक निवेश के अवसरों वाला देश है। हम निवेशकों की दिक्कतें दूर करने के लिए कदम उठाएंगे और देश में कारोबार का वातावरण सुधारेंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के दक्षिण कोरिया यात्रा पर प्रस्थान करने से ठीक पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने उड़ीसा सरकार के साथ पोस्को परियोजना की प्रगति की समीक्षा की थी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एलजी, सैमसंग और हुंदै के उदाहरण देते हुए कहा कि ये कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत व इसके प्रतिस्पर्धी लाभ को पहचानती हैं। उन्होंने कहा हम अपने यहां दक्षिण कोरिया के निवेश को प्राथमिकता देते हैं। हमारे देश के कई राज्य विदेशी निवेश को सक्रियता के साथ प्रोत्साहित कर रहे हैं और हम इन प्रयासों में सहयोग देंगे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक में कोरिया इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (केपको) के सीईओ किम जूंग क्युम भी मौजूद थे। परमाणु बिजली के क्षेत्र में सक्रिय केपको दक्षिण कोरिया की बिजली जरूरतों का 45 प्रतिशत पूरा करती है।

बैठक में केपको के अलावा, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा देवू, सैंगयोंग मोटर्स, हुंदै मोटर्स और दूसान हैवी इंडस्ट्रीज के सीईओ मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनवरी, 2010 में व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौता (सेपा) लागू किए जाने के बाद भारत के साथ दक्षिण कोरिया का द्विपक्षीय व्यापार करीब 65 प्रतिशत बढ़कर 2011 में 20.6 अरब डॉलर पहुंच गया। (भाषा)

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