आईपीएल-4 शुरू होने से पहले दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान वीरेन्द्र सहवाग ने टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को चुनौती देते हुए कहा था कि वे इस टूर्नामेंट में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से चली गई धोनी की हर चाल का करारा जवाब देंगे लेकिन अफसोस कि दोनों टीमों के बीच टूर्नामेंट में जो एकमात्र मुकाबला यहां खेला जाएगा तब वीरू अपने इस दावे को साबित करने के लिए मैदान में नहीं रहेंगे।
अपने 11 में से सात मैच हारकर प्लेऑफ की होड़ से बाहर हो चुकी डेयरडेविल्स की टीम शानदार फॉर्म में चल रहे कप्तान सहवाग के बिना ही गत चैंपियन सुपरकिंग्स के खिलाफ गुरूवार में को उतरेगी तो उसके लिए मुकाबला बेहद कठिन होगा।
दूसरी ओर 14 अंकों के साथ तालिका में दूसरे नंबर काबिज धोनी के धुरंधरों की पूरी कोशिश रहेगी कि नए कप्तान के साथ आ रहे डेयरडेविल्स को बड़े अंतर से हराकर वह नंबर वन बनने की ओर कदम बढ़ाएं। इस सत्र में घरेलू मैदान पर अपराजेय रही चेन्नई के लिए यह काम कहीं से मुश्किल नहीं लगता है।
दिल्ली को अब तक चारों जीत वीरू की बदौलत ही नसीब हो पाई है और नवनियुक्त कप्तान जेम्स होप्स के सामने बड़ी चुनौती रहेगी कि वह शेष तीन मैचों में टीम का सम्मान बचा सकें। टूर्नामेंट के औरेंज कैपधारी वीरू कंधे की चोट के कारण आईपीएल-4 से बाहर हो चुके हैं। ऐसे में उनकी टीम को सम्मान बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकनी होगी।
टूर्नामेंट में दोनों टीमों का प्रदर्शन देखें तो मानो आकाश-पाताल का फर्क झलकता है। दिल्ली अब तक केवल चार जीत दर्ज कर पाई है जबकि चेन्नई केवल चार मैचों में हारी है। चेन्नई जहां ऑलराउंड प्रदर्शन कर विपक्षी टीमों को पानी पिला रही है वहीं दिल्ली की सिर्फ बल्लेबाजी उल्लेखनीय रही, वह भी सहवाग के ही इर्दगिर्द घूमती रही है।
अब तक 250 से ज्यादा रन बना चुके युवा बल्लेबाज वाई वेणुगोपाल राव और विस्फोटक ओपनर डेविड वार्नर को साबित करना होगा कि वीरू के बिना भी वे रन बनाने और विपक्षी टीमों को परेशान करने में सक्षम हैं1 इन दोनों बल्लेबाजों की पारियां वीरू का साथ मिलने पर ही जम पाई थीं। साथ ही दो अर्द्धशतक जड़ चुके कप्तान होप्स के लिए भी अपनी उपयोगिता साबित करने का यह सबसे उपयुक्त मौका है। बल्लबाजी औसत में होप्स दिल्ली की टीम में सबसे ऊपर हैं और मुंबई के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने संघर्ष का गजब जज्बा दिखाया था।
गेंदबाजी दिल्ली के लिए चिंता का सबब है। टीम में स्तरीय गेंदबाजों का मानो अकाल हो। अब तक 12 विकेट लेकर सबसे सफल रहे मोर्न मोर्कल भी काफी महंगे साबित हुए हैं। उनके जोड़ीदार की खोज इरफान पठान और अजीत अगरकर तक सिमट जाती है। दोनों अब तक खासा प्रभाव छोड़ नहीं सके हैं। यहां भी टीम की उम्मीद होप्स पर टिक जाती है जिन्होंने सात मैचों में सात विकेट निकाले हैं।
जिस तरह पंजाब की कमजोर टीम ने मंगलवार को मुंबई की दिग्गज टीम को मटियामेट कर दिया अगर वैसा कुछ करने का इरादा दिल्ली रखती है तो उसके खिलाडियों को अपनी पिछली पराजयों का गम भुलाकर नये जोश के साथ होगा लेकिन फिर भी चेन्नई की चुनौती थामना आसान नहीं रहेगा। (वार्ता)