चेन्नई की 'सुपर जीत' में बद्रीनाथ और रैना चमके

बुधवार, 27 अप्रैल 2011 (23:51 IST)
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ (नाबाद 63) और सुरेश रैना (नाबाद 34) की शानदार पारियों ने डग बोलिंजर (21 रन पर तीन विकेट) की बेहतरीन गेंदबाजी को परवान चढाते हुए गत चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स को पुणे वारियर्स के खिलाफ आईपीएल-4 में लगातार दूसरी और टूर्नामेंट में चौथी जीत दिला दी।

बद्रीनाथ और रैना ने तीसरे विकेट के लिए 7.5 ओवर में 65 रन की मैच विजयी अविजित साझीदारी कर चेन्नई को आखिरी ओवर में आठ विकेट से जीत दिला दी। चेन्नई ने 19.3 ओवर में दो विकेट पर 145 रन बनाकर पुणे वारियर्स के छह विकेट पर 141 रन के स्कोर को सहजता के साथ पार कर लिया।

ठोस बल्लेबाज बद्रीनाथ ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज अल्फांसो थामस की गेंद पर चेन्नई के लिए विजयी चौका मारा। उन्होंने 44 गेंदों की अपनी पारी में छह चौके और दो छक्के लगाए जबकि रैना ने 25 गेंदों में एक चौके और दो छक्कों की मदद से नाबाद 34 रन ठोंके।

चेन्नई टूर्नामेंट में अपनी चौथी जीत हासिल कर 8 अंकों के साथ तालिका में मुंबई इंडियंस के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। पुणे ने छह मैचों में लगातार चौथी पराजय झेली है।

पुणे वारियर्स को कप्तान युवराज सिंह ने नाबाद 62. रन बना कर शुरुआती झटकों से संभालते हुए छह विकेट पर 141 रनो का चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया था लेकिन यह स्कोर इतना बड़ा नहीं था कि उसके गेंदबाज इसका बचाव कर पाते।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरे वारियर्स की शुरुआत खराब रही और उसने आठवें ओवर तक जाते जाते अपने चार विकेट मात्र 41 रन पर खो दिए, लेकिन युवराज ने इस नाजुक स्थिति में एक वारियर की तरह खेलते हुए मात्र 43 गेंदों में तीन चौकों और चार छक्कों की मदद से नाबाद 62 रन की विस्फ्टोक पारी खेली।

रॉबिन उथप्पा ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 22 गेंदो में दो चौकों और दो छक्कों की मदद से 31 रन बनाए। युवराज ने उथप्पा के साथ पांचवे विकेट के लिए 42 रन और मिशेल मार्श (11) के साथ छठे विकेट के लिए 40 रन जोड़े।

युवराज ने एक छोर से पारी को संभाले रखा और टिम साउदी के पारी आखिरी ओवर में दो छक्के जड़ते हुए पुणे को 141 के स्कोर पर पहुंचा दिया।

इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरे पुणे को डग बोलिंजर ने 22 के स्कोर पर दो झटके दिए। उन्होंने जेसी राइडर (19) और मोहनिश मिश्रा (2) को तीन गेंदों के अंतराल में आउट कर दिया। नुवान कुलशेखरा ने मिथुन मिन्हास (0) को बोल्ड किया जबकि साउदी ने मनीष पांडे (10) का शिकार कर लिया।

ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने उथप्पा को और बोलिंजर ने मार्श को आउट किया। बोलिंजर ने चार ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट लिए जबकि कुलशेखरा, साउदी और अश्विन को एक-एक विकेट मिला।

चेन्नई को हालांकि पांचवें ओवर में ही ओपनर माइक हसी (9) के रूप में पहला झटका मिला लेकिन इसके बाद उसके बल्लेबाजों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हसी को मुरली कार्तिक ने मनीष पांडे के हाथों कैच कराया।

ओपनर मुरली विजय (31) ने इसके बाद बद्रीनाथ के साथ दूसरे विकेट के लिए 61 रन की साझीदारी कर चेन्नई की जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया। विजय 12वें ओवर में जेसी राइडर की धीमी लेगकटर को उड़ाने के चक्कर में स्वीपर कवर पर मिथुन मिन्हास के हाथों लपके गए।

विजय के आउट होने के बाद बद्री और रैना ने टीम को कोई और नुकसान नहीं होने दिया और बेहतरीन अर्द्धशतकीय साझीदारी कर गत चैंपियन को आसान जीत दिला दी। पुणे की तरफ से कार्तिक और राइडर ने एक-एक विकेट लिया। (वार्ता)

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