विश्व कप खिताब जीतने के बाद गिर गया मनोबल : मैक्सवेल

रविवार, 10 मई 2015 (17:56 IST)
कोलकाता। आईपीएल-8 में खराब फॉर्म से जूझ रहे किंग्स इलेवन पंजाब और ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल ने कहा कि विश्व कप खिताब जीतने के बाद उनका मनोबल गिर गया है।

गत वर्ष आईपीएल में धूम मचाने वाले मैक्सवेल का बल्ला इस बार शांत रहा। मैक्सवेल ने 8 मैचों में केवल 118 रन बनाए हैं। आईपीएल-7 में मैक्सवेल ने 95, 98 और 95 के स्कोर के साथ जबर्दस्त शुरुआत करते हुए 16 मैचों में 552 रन बनाए थे लेकिन इस बार मैक्सवेल ने बेहद खराब प्रदर्शन किया।

3 मैचों में बाहर होने से पहले उन्होंने 7 मैचों में केवल 75 रन बनाए। मैक्सवेल ने कहा कि विश्व कप खिताब जीतने के बाद से उनका मनोबल पहले जैसा नहीं रहा।

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने कहा कि मैं शायद टूर्नामेंट की शुरुआत से ही संघर्ष कर रहा हूं, क्योंकि यहां विश्व कप जैसा मनोबल नहीं रहा। मैं हर मैच को पूरे जोश के साथ खेलने के लिए तैयार नहीं हूं। मैं अब भी विश्व कप के बारे में सोचता हूं कि वह कितना अद्भुत था, क्या शानदार उपलब्धि थी।

उन्होंने कहा कि घरेलू टूर्नामेंट में मैं संघर्ष कर रहा हूं। मैं टूर्नामेंट की शुरुआत से ही शायद मानसिक तौर पर तैयार नहीं था। कुछ समय बाद मैं तैयार हुआ और फिर टीम से बाहर रहा। कुछ सप्ताह बेहद मुश्किल रहे।

उन्होंने कहा कि विश्वस्तर पर अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों के खिलाफ खेलना मेरी जिंदगी का बड़ा टूर्नामेंट रहा। मुझे लगता है कि मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। फिर आईपीएल में आपके सामने कुछ अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज होते हैं लेकिन ये दोनों एक तरह के टूर्नामेंट नहीं हैं। विश्व कप के दौरान आप जिंदगी या मौत की तरह हर मैच में खुद को मजबूत करते हैं। आईपीएल में आपको बहुत कम समय में 14 मैच खेलने हैं और हर कोई मिला-जुला है।

मैक्सवेल का बल्ला आखिरकार शनिवार को कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ हुए मुकाबले में चला और उन्होंने 22 गेंदों पर 43 रन बनाए तथा 1 विकेट भी लिया। इस स्टार बल्लेबाज की खराब फॉर्म का असर पंजाब की टीम पर भी पड़ा, जो 11 मैचों में सिर्फ 2 जीत के साथ अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर है। हालांकि मैक्सवेल ने विश्व कप में 6 मैचों में 324 रन बनाए।

मैक्सवेल ने कहा कि मैंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मुझे पता है कि ट्वंटी-20 में तेजी से रन बनते हैं। मैं हमेशा मैच विजयी खिलाड़ी बनने का प्रयास करता हूं लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता। मैं अपनी फॉर्म से खुश हूं। मैं और रन बनाना चाहता हूं और मैं गेंद को अच्छी तरह हिट कर रहा हूं तो मेरे लिए चिंता की बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह अपने आप और भी अधिक उम्मीद करने की बात है जिससे मैं संघर्ष कर रहा हूं। मुझे लगता है कि यही बात मुझे सबसे ज्यादा परेशान करती है। मैं चाहता हूं कि चीजें जल्दी से हों। मैं चाहता हूं कि पिछले साल की तरह इस बार भी अच्छा खेलूं लेकिन आपको यह समझने की जरूरत है कि जैसा कि मैंने 2014 में किया था, मैं हर बार 'मैन ऑफ द मैच' नहीं बन सकता।

मैक्सवेल मानते हैं कि उन्हें अपने खेल पर अति-आत्मविश्वास हो गया था। उन्होंने कहा कि विश्व कप के बाद मैं आईपीएल में बहुत आत्मविश्वास के साथ आया था और मैं अपने अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहता था। मैं शुरुआती कुछ मैचों में अति-आत्मविश्वासी हो गया। (वार्ता)

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